एनटी न्यूज़ डेस्क / लखनऊ
केंद्र सरकार की ओर से फसलों के समर्थन मूल्य में 52 फीसदी की बढ़ोत्तरी और धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपये के फैसले का राष्ट्रीय किसान मंच की ओर से स्वागत किया गया है. साथ ही सरकार से ये अपील की है कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे गरीब किसानों को इस फैसले का लाभ मिल सके.
बिचौलिए हैं बड़ी चुनौती
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला स्वागतयोग्य है. इसके लिए सरकार को बधाई देता हूँ. लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं बिचौलिए, जो गरीब किसानों तक योजना का लाभ पहुँचने ही नहीं देते.
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि फसल का जो दाम सरकार की ओर से निर्धारित किया जाता है, वह गरीब किसान तक पहुँच ही नहीं पाता. जब तक सरकार बिचौलियों को किनारे नहीं लगाएगी, तब तक गरीब किसानों को फैसले का लाभ पहुंचना मुश्किल है.
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बिचौलियों के कारण गन्ना किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
इसके साथ ही जिले लेवल के अधिकारी कड़ाई से नियमों का पालन नहीं करते, जिससे योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर पहुँच नहीं पाता. केंद्र सरकार की ओर से अभी हाल ही में गन्ना बकाया भुगतान के लिए बड़ी राशि जारी की गयी लेकिन इसके बावजूद स्थितियां जस की तस हैं. क्योंकि गरीब गन्ना किसानों को इसका लाभ मिल ही नहीं रहा है.
एजेंटों से सांठ-गांठ के कारण किसान लाभ से हो जाते हैं वंचित
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि ऐसे ही गेंहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी के बाद गरीब गेहूं किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया था और गेहूं खरीद में भयंकर अनियमितताएं थी. उदाहरण के तौर पर जैसे एक लेबी का क्षेत्र 7 से 10 किमी लगता है लेकिन एजेंटों की ओर से सांठ-गाँठ करके 50-50 किमी दूर तक गेंहूं की खरीद की जाती थी और गरीब किसान फैसले के लाभ से वंचित रह जाते थे. ऐसे ही चीनी मिलों का रकबा तय होता था लेकिन बिचौलियों की ओर से उसमे भी गड़बड़ी की जाती थी.
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बिचौलियों के ख़िलाफ़ की जाय सख़्त कार्रवाई
पंडित शेखर दीक्षित ने कहा कि गरीब किसानों को फैसले का असली लाभ तभी मिलेगा, जब बिचौलियों पर सख्त कार्यवाई की जायेगी. इसके लिए सरकार को जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश देने चाहिए और गड़बड़ी पाने पर उनको चिन्हित करके उन्हें हमेशा के लिए बैन कर देना चाहिए.
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