Tuesday , 21 May 2024

केंद्र सरकार की बड़ी पहल, अब घर-घर होगी नशे में फंसे लोगों की पहचान

एनटी न्यूज़ डेस्क/ सरोकार

नशीली दवाओं के दुरुपयोग में फंसे लोगों की अब हर घर से पहचान होगी. सरकार ने ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए देशभर में बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण शुरू किया है. इसके पहले चरण में पंजाब और मिजोरम के सभी जिलों सहित देश के 185 जिलों को शामिल किया गया है. पहले चरण का सर्वेक्षण जोर-शोर से जारी है, जो अप्रैल तक पूरा हो जाएगा. सरकार का दावा है कि ऐसे लोगों की पहचान के बाद पुनर्वास का काम होगा.

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बड़े पैमाने पर होगी पहचान

नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने वालों की पहचान के लिए देश में इतने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है.

समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का मानना है कि ऐसे लोगों की पहचान के बाद काम करने में उन्हें आसानी होगी.

पंजाब और मिजोरम जैसे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे राज्यों में नशीली दवाओं और ड्रग्स आदि का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है.

मंत्रालय के मुताबिक सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट में उक्त जिलों से करीब छह लाख व्यक्तियों की पहचान की गई है, लेकिन सर्वे अभी जारी है. ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है.

नशे के चंगुल में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए 200 करोड़ का प्रावधान

मंत्रालय ने पहली बार ऐसे लोगों के पुनर्वास के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके तहत देश के 15 सबसे प्रभावित जिलों में पहले चरण में प्रायोगिक तौर पर पुनर्वास कार्य होगा.

मंत्रालय ने इनके पुनर्वास को लेकर जो योजना बनाई है, उसके तहत राज्य की प्रमुख जेलों, बाल सुधार गृह और सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में उपचार क्लीनिक खोले जाएंगे.

ऐसे लोगों को वहां एक निश्चित समयसीमा तक रखकर नशे की लत छुड़ाने के लिए इलाज किया जाएगा.

नशा मुक्ति केंद्रों का नाम होगा उपचार क्लीनिक

मंत्रालय ने इसके साथ ही देशभर में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों का नाम बदलकर उपचार क्लीनिक करने का फैसला लिया है. इसे लेकर सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

नशा मुक्ति केंद्र जैसे नाम से इस लत में फंसे लोगों के ऊपर एक तरीके का मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता था. ऐसे में यहां लोग जाने से कतराते थे. नाम बदल जाने के बाद लोगों को इन क्लीनिकों में इलाज कराने में आसानी होगी.