Sunday , 28 April 2024

मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाना जरूरी

प्रयागराज: जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज, द कलर्स फाउंडेशन एवं माइक फ़ीवर के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार की शाम शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क के परिसर में पांडेमिक और सुसाइड विषय पर गोष्ठी एवं नाटक का आयोजन किया गया जिसमे कोरोना काल के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयाम पांडेमिक और सुसाइड जैसे मुख्य उद्देश्य पर खुलकर चर्चा की गयी ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रयागराज के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल ऑफिसर एनसीडी डॉ. वीके मिश्रा ने कहा कि हर व्यक्ति को जिं

दगी जीना और उसे जितना चाहियें | उससे कभी हार नहीं माननी चाहियें हर मुश्किल का सामना हँसते हुए और चुनौती के रूप में लेते हुए उसका सामना करना चाहियें | जिंदगी हारना नहीं बल्कि हर परेशानियों से जीत कर जीने का नाम ही ज़िन्दगी हैं |इस दौरान नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज का कहना है कि कोरोना महामारी एक वैश्विक चुनौती है जो न केवल शारीरिक परिणामों तक सीमित है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य संकट का एक महत्वपूर्ण स्तर भी है। आत्म-नुकसान और आत्महत्या इसके चरम प्रभाव हैं। हम अपने मानसिक स्वास्थ्य की टीम की तरफ से आत्महत्या और खुद को नुकसान पहुंचाने, की इस प्रवृत्ति के संबंध में लोगों के अंदर जागरूकता और इसके समाधान हेतु मनोवैज्ञानिक परामर्श संबंधी जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाना चाहते हैं।

मनोचिकित्सक डॉ राकेश कुमार पासवान ने कहा कि आत्महत्या में सुसाइड मार्कर का बहुत महत्व होता है। यह तीन तरह का होता है। वर्बल मार्कर, बिहेवियर मार्कर और इमोशनल मार्कर वर्बल मार्कर में व्यक्ति बोल कर आत्महत्या के बारे में विचार करता है। बिहेवियर मार्कर में व्यक्ति आत्महत्या के लिए प्रयोग किये जाने वाली वस्तुओं के बारे में विचार करता है और इमोशनल मार्कर में किसी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक से बदलाव आना और आत्म हत्या की ओर विचार करना होता है। ऐसे व्यक्तियों के परिजनों और मित्रों को तुरन्त मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिको को सलाह लेना चाहिए।

परिचर्चा के बाद द कलर्स फाउन्डेशन द्वारा नाटक “सही कदम” का मंचन कर कोरोना महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ सम्बन्धी परेशानियों को नाटक के माध्यम से उजागर किया साथ ही जनमानस में आत्महत्या के विचार को दूर भगाने और सही समय पर मनोचिकित्सक की सलाह लेकर मानसिक रूप स्वास्थ्य रहने का संदेश दिया।

नाटक का निर्देश रुचि गुप्ता एवं सह निर्देशन अंकित सिंह यादव का रहा। मंच पर ज्योति शुक्ला, स्फूर्ति सक्सेना, मंतशा , चंदन सिंह रहे। कार्यक्रम का संचालन माइक फ़ीवर के अमित श्रीवास्तव ने किया।