Monday , 13 May 2024

वाममोर्चा के एक छात्र संगठन ने तोड़ी मुखर्जी की प्रतिमा, 6 हिरासत में

एनटी न्यूज़ डेस्क/ शर्मनाक

कोलकाता में जाधवपुर विश्वविद्यालय में अध्यनरत और वाममोर्चा के एक छात्र संगठन के करीब आधा दर्जन से ज्यादा सदस्यों ने बुधवार की सुबह को कथित तौर पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर, उनकी प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दी.

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पश्चिम बंगाल भाजपा ने इस घटना का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह बर्बर घटना बेहद निंदनीय है. हम इसका विरोध करते हैं और राज्य सरकार से मांग करते हैं कि इसपर कड़ा रुख अखतियार किया जाए. वहीँ, पुलिस ने केओराटोला कब्रिस्तान में हुई इस घटना के मामले में समूह के छह सदस्यों को हिरासत में ले लिया है.

भाजपा ने की कड़ी निंदा

राज्य में भाजपा नेतृत्व ने इस घटना की निंदा की है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि बंगाल की राजनीति में मुखर्जी के योगदान को मिटाया नहीं जा सकता.

पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव सयांतन बसु ने एक बयान में कहा, ‘हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के कृत्य की निंदा करते हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हैं.

इसके साथ में ही उन्होंने आगे कहा कि हम यह संदेश भी देना चाहते हैं कि आप इस शर्मनाक कृत्य से पश्चिम बंगाल के निर्माण में मुखर्जी के योगदान को मिटा नहीं सकते.

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा मुखर्जी की प्रतिमा का और शानदार ढंग से दोबारा निर्माण करेगी.

क्या कहा सिद्धार्थनाथ सिंह ने…

वहीं, इस मामले पर बोलते हुए पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक देशभक्त हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया. वह पश्चिम बंगाल के लाल हैं.

उन्होंने कहा कि मूर्ति तोड़ने वाले अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की कि उन लोगों को दंड मिलना चाहिए, जिन्होंने एक महान पुरुष की मूर्ति को तोड़ दिया हैं.

उन्होंने कहा कि हम इस घटना की कड़ाई से निंदा करते हैं.

बढ़ रही मूर्ति तोड़ने की घटनाएं

गौरतलब है कि प्रतिमाओं को गिराने का यह सिलसिला सोमवार को त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा ढहाए जाने के बाद शुरू हुआ.

इसी के बाद तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ई.वी.आर.रामासामी की प्रतिमा ढहा दी गई और अब कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को नष्ट किया गया.