Monday , 29 April 2024

बहुरंगी और वसुधैव कुटुंबकम का मॉडल बनेगी अयोध्या नगरी, श्रद्धालुओं के लिए होंगी ये खास सुविधाएं

न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ

अयोध्या (Ayodhya) को पर्यटन स्थल बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस सिलसिले में अयोध्या की राम नगरी को नया स्वरूप देने का काम जोर-शोर से चल रहा है। जहां चौड़ी सड़के- सड़के होगी। इन सड़कों के दोनों किनारों पर पेड़- पौधे लगे हुए होंगे. सूर्योदय होने पर होटल की खिड़की से झांकते ही देश की पंच नदियों में से एक पवित्र सरयू नदी और रामलला के भव्य मंदिर का दीदार। रात तो ऐसी दिखेगी मानों आसमान के सारे तारे सरयू में ही उतर आए हों। मुख्यमंत्री योगी ने नव्य अयोध्या के बारे में कुछ ऐसी ही परिकल्पना तैयार की है।

उत्तर प्रदेश आवास-विकास परिषद इसको प्रारंभिक स्वरूप भी दे चुका है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रस्तुतिकरण भी हो चुका है। कुल मिलाकर नव्य अयोध्या बहुरंगी और वसुधैव कुटुम्बकम का मॉडल (Model) बनेगी।

दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए होगी खास सुविधाएं

देश-दुनिया में भगवान श्रीराम की स्वीकार्यता के मद्देनजर अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) और दुनिया की सबसे ऊंची श्रीराम की प्रतिमा बनने के साथ अयोध्या दुनिया भर के रामभक्तों और अन्य लोगों की आस्था का केंद्र बनेगी। हर कोई अपने आराध्य का दर्शन करने एक बार अयोध्या जरूर आना चाहेगा। लिहाजा नव्य अयोध्या में इनकी सुविधा का खास ख्याल रखा गया है।

नव्य अयोध्या का कुछ इस तरह का होगा मॉडल

इसके लिए पांच फाइव स्टार, 10 थ्री स्टार और 15 बजट होटलों के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे। यह उन 20 होटलों से अलग होंगे जिनके लिए नई पर्यटन (Tourist) नीति के बाद पर्यटन विभाग को प्रस्ताव मिल चुके हैं। हालांकि भगवान श्रीराम की स्वीकार्यता के मद्देनजर मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे अधिक जमीन की मांग निकलेगी। ऐसे में कुछ बहुमंजिला भवनों को भी प्लान में शामिल करें। इसके अलावा कोरिया समेत पांच देशों और 25 राज्यों के लिए अतिथि गृह, अलग-अलग धर्मों, संप्रदायों और आश्रमों के लिए, मठों और स्वयंसेवी संगठनों के लिए भी करीब 100 भूखंड आरक्षित किए जाएंगे। सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त सर्विस अपार्टमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, सरयू की पवित्रता और अविरलता अप्रभावित रहे इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।

प्रस्ताव के अनुसार, नव्य अयोध्या वैदिक शहरों की तरह धनुषाकार होगी। नव्य अयोध्या वैदिक कालीन आम शहरों की तरह धनुष के आकार का होगा। इसमें करीब 80 मीटर चौड़ी सड़कों का संजाल होगा। ये सड़कें ऐसी ऊपर से सूर्य की किरणों के समान दिखेंगी. सड़कों के किनारे हरियाली के लिए ग्रीनबेल्ट विकसित की जाएगी। यह सब करीब 740 एकड़ भूमि पर होगा. इसमें माझा बरहटा में 5.7़64, माझा शहनवाजपुर में 29.3़79 और माझा तिहुरा की 388़ 41 एकड़ जमीन पर काम होगा। यह जमीन लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28 बी पर है। लखनऊ से गोरखपुर जाते समय दाहिने ओर सरयू के किनारे निर्मित बांधों के बीचोंबीच और प्रस्तावित श्रीराम की प्रतिमा के लिए अधिसूचित भूमि से लगी हुई है।