Saturday , 27 April 2024

कोरोना योद्धा: वतन से दूर रहकर भी ‘अरुण चौबे’ कर रहे जरूरतमंद भारतियों की सेवा

एनटी न्यूज़डेस्क/श्रवण शर्मा/लखनऊ

पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। ऐसे में न्यूजटैंक की खास बातचीत हुई अरुण चौबे से जो की यूपी के अंबेडकर-नगर निवासी हैं। जो अपनी पत्नी मोनिका चौबे व दो बेटे अनय, अयन के साथ स्विट्जरलैंड में रहते हैं। यह Consulting Manager for World’s largest Reinsurance Company में काम करते हैं। कोरोना संकट के बीच अपने वतन से दूर रहने के बावजूद अरुण कोरोना योद्धा के तौर पर भारत में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।

वतन से दूर भले पर हर भारतीय से जुड़ी है आत्मा की डोर

अरुण भले सात समंदर पार हैं पर अपने वतन की मिट्टी का मोह उन्हे देशभक्ति की ऐसी भावुख कड़ी में जोड़ रखा है जो उन्हें उससे कभी दूर नहीं होने देता। अरुण ने न्यूजटैंक से टेलेफोनिक साक्षात्कार में बताया की “ मुझे अपनी मात्रभूमि से उतना ही लगाव है जितना मुझे अपनी जन्म देने वाली माँ से है। जिससे दूर रहना भले आज मेरी मजबूरी है पर मेरी हर सांस उसके अहसानों की ताउम्र अहसानमंद रहेगी। मैं भले विदेश में हूँ पर मेरे मन हर उस भारतीय के लिए चिंतित है जो कोरोना संक्रमण की वजह से भय में हैं या कोरोना योद्धा के तौर पर देश में अपनी वीरगाथा का इतिहास रच रहे हैं। वतन से दूर हूँ पर हर भारतीय से जुड़ी है मेरी आत्मा की डोर। सभी को मेरी शुभकामनायें ईश्वर जल्द ही हमें इस महामारी से निजाद दिलाए।“

जरूरतमंदों के लिए अरुण का प्रयास- कोई इंसान भूखा ना सोए

अरुण ने बातचीत के दौरान कहा की “मेरा यह छोटा सा प्रयास समंदर में भले एक बूंद के बराबर हो लेकिन अपनी क्षमता के अनुसार देश के हर सक्षम नागरिक को मुसीबत की इस घड़ी में आगे आना होगा तभी हम कोरोना से जंग जीत पाएंगे।“ अरुण ने उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में 100 जरूरतमन्द परिवारों को एक-एक हज़ार रुपए बतौर धनराशि मुहैया कराई है। इसके साथ ही अंबेडकर-नगर के सूप्रिटेंडेंट पुलिस के माध्यम से अपने ज़िले की पुलीस के लिए 51100 रुपए व  प्रधानमंत्री कोश में 5100 रुपये की मदद जो  कुल मिलाकर लगभग 181000 रु की सहायता की है। अरुण का कहना है की “ अभी भी देश की पुलिस, डॉक्टर जिन्हें पर्याप्त सुविधाओं की अव्यवस्था है। टेस्टिंग किट, पीपीई किट संबंधी बहुत सी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए देश का हर सक्षम व्यक्ति आगे आए। तभी इस जंग से हम समय-सीमा  अंदर लगाम लगा पाएंगे।

स्विट्जरलैंड का हर नागरिक भारत सरकार की प्रशंसा कर रहा

भारत की कोरोना से जंग की स्थिति पर अरुण ने कहा की “भारत ने १४ जनवरी से स्क्रीनिंग कर के बहुत ही अच्छा कदम उठाया है। यही वजह है अन्य विकशित देशों की अपेकषा भारत में कोरोना इन्फ़ेक्शन बहुत कम है। भारत सरकार ने अमेरिका या बाकी कई देशों की तरह अर्थव्यवस्था को नजरंदाज कर अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। यही कारण है की भारत कोरोना महामारी को पस्त करने में दुनिया के शीर्ष देशों में गिना जा रहा है। अगर मैं सिर्फ स्विट्जरलैंड की बात करूँ तो यहाँ का हर नागरिक भारत को बहुत तवज्जो देता है साथ ही भारत सरकार की प्रशंसा करते नहीं थकता। स्विट्जरलैंड सरकार ने भी भारत की प्रशंसा की है, हालांकि उसका तरीका थोड़ा अनूठा रहा. दरअसल स्विट्जरलैंड ने आल्प्स के मैटरहॉर्न पर्वत पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की रोशनी की। इस रोशनी के जरिए स्विजट्जरलैंड ने कोरोना महामारी से जीतने की उम्मीद और जज्बे का संदेश दिया है। “

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात,भारत बना दुनिया का मददगार

अरुण ने कहा की “कोरोना संकट के बीच भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की अनोखी मिशाल पेश की है। कोरोना वायरस के मरीजों के लिए कारगर मानी जा रही मलेरिया रोधक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर लगे निर्यात के प्रतिबंध को हटाकर भारत ने दुनिया को दिखा दिया की उसके लिए इंसानियत सबसे पहले है। अब तक भारत ने दुनिया के 55 देशों को यह दवा भेजी है। सरकार के इस प्रयास ने दुनिया को भारत के अहसान का एहसास करा दिया है। भारत के इस कदम को दुनिया के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया जाएगा।”

भारत के कोरोना से जंग में भारतियों ने मिशाल पेश कर दी

अरुण ने बताया की “ऐसे वक्त में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है वहीं भारतियों ने अपना दिल खोल दिया है। जिसकी जितनी क्षमता है वह इस मुसीबत की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद के लिए हांथ बढ़ा रहे हैं। देशभर से ऐसी कई इंसानियत की मिशाल को मैंने समाचार माध्यम से पढ़ा जिसको देखने हुए मैं हर उन कोरोना योद्धाओं को तहे दिल से नमन करता हूँ जो इस संकट की घड़ी में देश के हर जरूरतमंदों के साथ खड़े हैं। उनके खाने का प्रबंध सरकार तो कर ही रही है पर जनता का जो सहयोग देखने को मिल रहा इतिहास उसे याद रखेगा। मुझे यह देखकर इतनी खुशी मिलती है की मेरे देश में जब भी मुसीबत का कोई दौर आया देश की जनता ने उसका डट कर सामना किया है। इसके साथ ही उन्होने यह साबित कर दिया की तमाम विभिन्नताओं के बावजूद भारतीय एक अखंड ज्योति की तरह दुनिया को सकारात्मक प्रकाश की ओर अग्रसर कर रहे हैं।”

आप बेफिक्र रहें- अपना ख्याल रखें- स्विट्सर्लंड में हर भारतीय सुरक्षित

सात समंदर पार मौजूद हजारों भारतियों के बारे में पूछने पर अरुण ने बताय की “स्विट्सर्लंड की सरकार हम लोगों को यहाँ के नागरिकों के जैसी ही सुविधा मुहैया करा रही है। बिना किसी भेदभाव के स्विट्सर्लंड सरकार हमारा ख्याल रख रही है। आपकोबता दूँ स्विट्सर्लंड के लोग विश्व के सबसे धनी लोग हैं। यहाँ की सुविधाएँ भी उच्च स्तर की हैं। कोरोना इन्फ़ेक्शन रेट सर्वाधिक होने के बावजूद भी यहाँ मृत्युदर दर काफ़ी कम है। दूसरे युरपीयन देशों की तुलना में. रेकव्री रेट भी 50% से ज़्यादा है।  अप्रवासी भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से काफ़ी संतुष्ट हैं। भारत सरकार ने हमारे लिए यहाँ दूतावास में इतनी सुविधाएं व सुरक्षा हमें मुहैया करा दी है की हमें यहाँ किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं है। आप सब बस अपना ख्याल रखें, बेहद बुरे दौर से दुनिया गुजर रही है। ऐसी स्थिति में आप सभी धैर्य बनाकर रहें। लॉकडाउन का पालन करें।”