Friday , 10 May 2024

इन्फ्लुएंजा: हमारा देश आस्ट्रेलिया में बच्चों का मुफ्त टीकाकरण अभियान से ले सकता है प्रेरणा

एनटी न्यूज़ डेस्क/ विदेश

भारत को आस्ट्रेलिया से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत जिस बीमारी से सालों से लड़ता आ रहा है और अपने नौनिहालों को खोता आ रहा है. उससे लड़ने के लिए आस्ट्रेलिया के पास एक फुल फ्रूफ प्लान है. इसी प्लान के आस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया में बच्चों को इन्फ्लुएंजा के निशुल्क टीके लगाए जाएंगे. आस्ट्रेलियाई सरकार ने यह फैसला 2017 में फ्लू के काफी ममाले सामने आने के मद्देनजर लिया गया है.

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बच्चों का मुफ्त होगा टीकाकरण

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विक्टोरिया राज्य की मंत्री जिल हेनेसी स्वास्थ्य ने शनिवार को ऐलान किया कि मई के बाद से छह महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों का मुफ्त टीकाकरण होगा.

वर्ष 2017 के फ्लू सीजन में विक्टोरिया में पांच साल से कम उम्र के 3,941 से ज्यादा बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए, जबकि इसके पिछले साल 871 मामले ही सामने आए थे.

सितंबर में वायरस की चपेट में आने के महज एक सप्ताह के बाद आठ वर्षीय रोजी एंडरसन की फ्लू से मौत हो गई.

टीकाकरण अभियान में शामिल होंगे लाखों बच्चे

385,000 से ज्यादा बच्चों का नि:शुल्क टीकाकरण होने की संभावना है, जिसमें 27.4 लाख डॉलर की लागत आएगी.

फ्लू के चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या जहां चौगुनी हो गई है, वहीं सामान्य आबादी में भी यह पिछले साल के करीब 7,000 मामलों के मुकाबले बढ़कर 13,000 से ज्यादा हो गया है.

हेनेसी ने बच्चों को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल से राष्ट्रीय टीकाकारण कार्यक्रम (एनआईपी) का विस्तार करने का आग्रह किया है.

क्या कहा राज्य की मंत्री जिल हेनेसी

राज्य की मंत्री जिल हेनेसी ने एक बयान में कहा, “हम इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि एक और घातक फ्लू का सीजन शुरू होने से पहले पांच साल से कम उम्र के बच्चों का नि:शुल्क टीकाकरण करा सके और हम स्थायी रूप से विक्टोरियाई बच्चों तो सुरक्षा देने के लिए मैल्कम टर्नबुल और लिबरल पार्टी के नेताओं पर दबाव बनाते रहेंगे.”

हेनेसी ने कहा कि अगर मैल्कम टर्नबुल और लिबरल पार्टी के नेता हमारे बच्चों की सुरक्षा फ्लू के खतरे से नहीं करेंगे, तो उनकी सुरक्षा हम करेंगे.

गौरतलब है कि उत्तरी भारत में इस बिमारी से हर साल हजारों की तादाद में बच्चे मारे जा रहे हैं लेकिन सरकार अभी तक कोई बहुत ठोस निर्णय नहीं ले सकी है.