Sunday , 28 April 2024

किशोरियों की समस्याओं को सुलझा रहा है ‘किशोरी का पिटारा’

एनटी न्यूज / कानपुर डेस्क

  • महिला दिवस के साथ ‘एनीमिया मुक्ति अभियान’ की हुई शुरुआत

बच्चों में कुपोषण और किशोरियों में एनीमिया की दर को कम करने हेतु प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज से पोषण पखवाड़े की शुरुआत किशोरी दिवस के रूप में की गयी. यह पखवाड़ा 22 मार्च तक चलाया जाएगा. भारत सरकार द्वारा संचालित पोषण अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को कानपुर जिले के प्रत्येक ए॰एन॰एम॰ सब सेंटर एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर किशोरी दिवस मनाया गया. इस क्रम में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरी दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें किशोरियों ने बढ़चढ़ कर अपनी सहभागिता दर्ज की.

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की जा रही है किशोरियों की काउंसलिंग

जिला कार्यक्रम अधिकारी, ज़फर खान ने बताया आज कानपुर के समस्त ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में मौजूद 11 से 14 वर्ष तक की सभी किशोरियों की ऊंचाई व वजन की माप की गयी. इस अवसर पर एनीमिया से संबन्धित विषय जैसे, आयरन की गोलियों का सेवन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर जानकारी, खान-पान संबंधी, एनीमिया से बचाव के तरीके आदि विषयों की विस्तृत रूप से जानकरी दी गयी. साथ ही जिन किशोरियों का हीमोग्लोबिन काम पाया गया उनकी काउंसलिंग करने के साथ ही सुझाव भी दिए गए.

‘किशोरी का पिटारा’ हो रहा कारगर

बिधनू ब्लॉक की चाइल्ड डेवेलोमेंट प्रोजेक्ट आफिसर ने बताया आज किशोरी दिवस में केंद्र में मौजूद “किशोरी का पिटारा” बॉक्स में किशोरियां अपने मन की बात पत्र के माध्यम से डालती हैं जिसे आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री पढ़कर उन बातों या समस्याओं का हल ढूंढकर बताती हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री बताती हैं इस पिटारे के माध्यम से किशोरिययों की निजी समस्याओं को उन तक पहुंचती हैं क्योंकि वह घर वालों के सामने अपने स्वास्थ्य से संबन्धित समस्या को साझा नहीं कर पाती इसलिए किशोरी का पिटारा बहुत कारगर साबित हो रहा है.

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‘एनीमिया की समस्या का समाधान’ है थीम

इस वर्ष पोषण पखवाड़ा मुख्य रूप से “किशोरी बालिकाओं में एनीमिया की समस्या का समाधान” बिन्दु पर केन्द्रित है. वहीं स्वास्थ्य एवं आई॰सी॰डी॰एस॰ विभाग को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है कि किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए ताकि उनको वृहद स्तर पर लाभ मिल सके.

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आयरन की गोली हमेशा खट्टी चीजों के साथ किया जाय

देखा जाए तो सामान्यतः महिलाएं व लड़कियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं जबकि आई०एफ०ए० टैबलेट का सेवन विटामिन सी युक्त आहार जैसे नींबू, संतरा, आंवला आदि के साथ किया जाना चाहिए जिससे आयरन का अवशोषण शरीर में सुचारु रूप से हो सके.

एनीमिया की रोकथाम हेतु आंगनबाड़ी शैल सिंह ने किशोरियों को खानपान संबंधी ध्यान रखने योग्य बातें बताते हुये कहा कि आयरन की टेबलेट के साथ दूध या चाय न ली जाए क्योंकि इससे शरीर में लौह तत्व का अवशोषण कम हो जाता है.

भोजन में लौह-पूरक आहार हों शामिल

भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाई जाए क्योंकि इसमें लौह तत्व की मात्रा अधिक होती है. अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए.

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