Monday , 20 May 2024

इन्वेस्टर्स मीट: अगर योजनाएं जमीन पर उतरीं तो बदल जायेगी प्रदेश की तस्वीर

एनटी न्यूज़ डेस्क/ इन्वेस्टर्स समिट

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है. इससे सरकार की कोशिश है आर्थिक और औद्योगिक लिहाज से पिछड़े माने-जाने वाले पूर्वांचल और बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने की है. यह कोशिश मूर्त रूप लेगी उत्तर प्रदेश में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट से.

 

कल से होगी दो दिवसीय महोत्सव की शुरुआत

उत्तर प्रदेश में 21 और 22 फरवरी को होने जा रही इन्वेस्टर्स समिट की कामयाबी के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है.

प्रधानमंत्री इस समिट का उद्घाटन करेंगे और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार सत्रों में मौजूद रहेंगे. वैसे तो इस समिट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को रफ्तार देना है, लेकिन इसके केंद्र में अपेक्षाकृत पिछड़े माने जाने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल के क्षेत्र हैं.

बुंदेलखंड और पूर्वांचल की बदल सकती है तस्वीर

समिट के लिए हुए एमओयू (मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) अगर धरातल पर उतरे तो पूर्वांचल और बुंदेलखंड की तस्वीर बदल सकती है.

योगी सरकार की कोशिश बुंदेलखंड को सौर ऊर्जा का हब बनाने की है. अगर बड़े प्रस्तावों को ही देखा जाए तो बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए करीब 15000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लगाने की बात की जा रही है.

वास्तव में बुंदेलखंड पर पहली बार उद्यमी इस तरह से मेहरबान हैं. यदि डिफेंस कॉरिडोर के रूप में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की मेहरबानी मिल गई तो भविष्य में बुंदेलखंड प्रदेश का संपन्न इलाका हो सकता है.

रक्षा मंत्रालय के संभावित एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के अलावा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यहां हिन्दुस्तान क्लीनर्जी इंडिया लिमिटेड 8000 करोड़, क्लीनमैक्स इनवारो इनर्जी साल्यूशन 4000 करोड़ और नार्डिक एन इनर्जी 2625 करोड़ रुपये निवेश करेगी.

इसके अलावा इंडो गल्फ इंडस्ट्रीज रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए झांसी में 132 करोड़, त्रिवेणी इंजीनियरिंग खाद्य प्रसंस्करण की इकाई में 200 करोड़ रुपये निवेश करने को इच्छुक है.

ये सभी कंपनियां सरकार के साथ एमओयू पर साइन कर चुकी हैं. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में छोटे-छोटे प्रस्ताव और भी कई हैं.

गोरखपुर में लगेगा इथेनाल प्लांट

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय पहले ही प्रदेश में 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा कर चुका है. इसमें से इंडियन आयल कारपोरेशन गोरखपुर में 800 करोड़ रुपये की लागत से इथेनाल की इकाई लगाएगा.

यह बहुत संभव है कि यह इकाई वहां के खाद कारखाने में ही लगे.

अगर किसी वजह से वहां इसका लगना संभव नहीं हुआ तो बंद पड़ी धुरियापार चीनी मिल के परिसर में भी इसे लगाया जा सकता है.

यहां लगाने में रोड कनेक्टिविटी की दिक्कत को दूर करने के लिए सरकार पहले ही गोरखपुर-बेलघाट को चार लेन की सड़क से जोड़ने की घोषणा कर चुकी है.

इसी क्रम में महिंद्रा हालीडेज एंड रिसार्ट वाराणसी में 200 करोड़ रुपये की लागत से 100 कमरे की क्षमता वाला रिसार्ट बनाएगा.

पूर्वांचल में आने वाले अन्य बड़े निवेश

बहुराष्ट्रीय कंपनी आइइएसडी एसएलआर पूर्वांचल में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण की इकाई में 3000 करोड़ रुपये और प्रिज्म सीमेंट 200 करोड़ का निवेश करेगी. छोटे-छोटे निवेशक तो और भी कई हैं.

मसलन ताप्ती मिल्क 50 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में दुग्ध प्रसंस्करण इकाई लगाएगी. गायत्री इंडस्ट्रीज भी 25 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.