Sunday , 19 May 2024

अपने ‘अनुभवहीन’ भतीजे का साथ देकर बुआ करेंगी उत्तर प्रदेश की सियासत

एनटी न्यूज़ डेस्क/ राजनीति

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी दसवीं सीट पर शिकस्त खाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव राजनीति में अभी तजुर्बेकार नहीं हुए हैं. उन्हें राजनीति सीखने में समय लगेगा. माया ने यह भी कहा कि वह स्टेट गेस्ट हाउस कांड भूल चुकी हैं. भाजपाई आज गेस्ट हाउस कांड की याद दिला रहे हैं, लेकिन जब यह कांड हुआ था तब अखिलेश का राजनीति से लेना-देना नहीं था, इसलिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है.

बसपा प्रमुख मायावती, सपा, बसपा, अखिलेश यादव, भाजपा, मायावती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

पुराना है यह मामला…

ध्यान रहे कि जून, 1995 में सपा-बसपा गठबंधन टूटने पर लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में सपा समर्थकों ने मायावती पर हमला बोल दिया था और इस घटना के बाद से सपा और बसपा में एक तरह की कट्टर राजनीतिक दुश्मनी हो गई थी.

क्या कहा मायावती ने…

शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए माया ने कहा, अगर वह अखिलेश की जगह होतीं तो अपने प्रत्याशी (जया बच्चन) को जिताने के पहले गठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करतीं.

उनका कहना है कि अखिलेश यादव को कुंडा के गुंडा के मकड़जाल में नहीं फंसना चाहिए था, बल्कि हर कुर्बानी देकर गठबंधन प्रत्याशी को जिताना चाहिए था.

हालांकि मायावती ने राज्यसभा चुनाव में हार के बाद सारी आशंकाओं और कयासों को दरकिनार करते हुए कहा है कि उनके दल की सपा से नजदीकियां बनी रहेंगी. सपा-बसपा पॉजिटिव एप्रोच के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरी मजबूती से जुटेंगी.

उन्होंने भविष्य में कांग्रेस से भी गठबंधन के संकेत दिए. मायावती ने कहा कि बसपा व सपा की नजदीकियों से भाजपा घबरा गई है. भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में जोड़-तोड़ व खरीद-फरोख्त की राजनीति की.

विधायक को किया निलंबित

मायावती ने बसपा के पुरवा से विधायक अनिल सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि बसपा के एक विधायक ने दगाबाजी की है. उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.

मायावती ने डीजीपी ओपी सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि भाजपा ने उस अफसर को डीजीपी बना दिया जिसकी मौजूदगी में गेस्ट हाउस कांड हुआ. कहीं भाजपा ने मेरी हत्या कराने के लिए तो ऐसे अफसर को डीजीपी नहीं बनाया है.