Monday , 20 May 2024

एक बार फिर हमने चीन को पछाड़ा, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

एनटी न्यूज़ डेस्क/ भारतीय अर्थव्यवस्था

नोटबंदी और जीएसटी के व्यवधानकारी असर से निकलकर भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे उच्च वृद्धि की ओर बढ़ने लगी है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसद हो गई है, जो बीती पांच तिमाही में सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही भारत की विकास दर एक बार दुनिया में सबसे तेज हो गई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था, चीनी अर्थव्यवस्था, आर्थिक नीति, प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री, अरुण जेटली

चीन को भारतीय अर्थव्यवस्था ने छोड़ा पीछे

इस मामले में उसने चीन को फिर से पीछे छोड़ दिया है, जिसकी विकास दर 6.8 फीसद रहने का अनुमान है। आंकड़ों पर वित्त मंत्रलय ने कहा है कि इससे देश में अर्थव्यवस्था की गतिविधियां तेज होने के संकेत मिले हैं।

खास यह है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बुधवार को राष्ट्रीय आय के आंकड़े जारी करते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को भी 6.5 फीसद से संशोधित कर 6.6 फीसद कर दिया।

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सीएसओ ने जारी किया है आकड़ा

सीएसओ के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पादन 32.50 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 30.32 लाख करोड़ रुपये था।

इस तरह तीसरी तिमाही में जीडीपी में 7.2 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इससे पूर्व विकास दर का उच्चतम स्तर 7.5 प्रतिशत वित्त वर्ष 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही में रहा था।

यह तिमाही आठ नवंबर 2016 को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से ठीक पहले की तिमाही थी।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास दर बढ़ने की वजह कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन है।

मैन्यूफैक्चरिंग ने चालू वित्त वर्ष में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है जबकि पिछले साल यह 6.9 प्रतिशत थी। इसी तरह कृषि क्षेत्र ने भी 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

इससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी के असर से उबर चुकी है।

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साथ ही एक जुलाई 2017 से देशभर में जीएसटी लागू होने के कारण आर्थिक गतिविधियों में जो शुरुआती व्यवधान आए, उसके प्रभाव से भी अर्थव्यवस्था निकलकर धीरे-धीरे उच्च रफ्तार की ओर बढ़ रही है।

सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था

सीएसओ ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की विकास दर का आंकड़ा भी 6.3 प्रतिशत से संशोधित कर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।

सीएसओ ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए विकास दर के अनुमान को भी संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है।

इससे पूर्व सीएसओ ने 31 जनवरी 2018 को विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान पेश किया था।

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हालांकि विकास दर का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की 7.1 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले कम है।

विकास दर के आंकड़ों पर वित्त मंत्रलय ने एक बयान में कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में रफ्तार तेज होने से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिले हैं।