Monday , 20 May 2024

त्वरित टिप्पणी: क्या कहता है योगी सरकार का यह बजट, कितना हकीकत – कितना फ़साना

एनटी न्यूज़ डेस्क/ त्वरित टिप्पणी/ योगेन्द्र त्रिपाठी

जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के ऊपर पूरे भारत की उम्मीदों का भार है. इन उम्मीदों को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य बजट 2018-19 को सदन में पेश किया. सदन में राज्य बजट 2018-19 पेश करते हुए राज्य के वित्त मंत्री और बरेली से विधायक राजेश अग्रवाल ने कई जगह जहाँ पुरानी सरकारों को गैर-जिम्मेदार बताया. वहीं, वह अपने अभिभाषण में कविताएं और शायरियां भी पढ़ते नज़र आये.

राज्य बजट 2018-19

लगभग 23 करोड़ की जनता के उम्मीदों का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इस बार लगभग सभी तबकों का ख़याल रखा और अपने ‘सबका साथ-सबका विकास’ के नारे को साकार करते नज़र आये. वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने इस बार देश के 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में सबसे भारी-भरकम बजट पेश किया. इस बार के बजट में करीब 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ रूपये का बजट पेश किया. यह बजट इतना बड़ा है कि इसमें लगभग सभी केंद्र शासित प्रदेशों का राज्य बजट 2018-19 समाहित हो सकता है.

यह बजट 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का जंबो बजट है. इस राज्य बजट 2018-19 में 14,341.89 करोड़ रुपए की नई योजनाएं शामिल की गयी हैं और इसका अगर पिछले वर्ष के बजट से तुलना की जाये तो यह करीब 11.4 प्रतिशत ज्यादा है. इस वर्ष के बजट में वित्तीय राजस्व घटा करीब 7 हज़ार 485 करोड़ 6 लाख होंने का अनुमान है. वित्त मंत्री ने इस बार ज्यादा पैसे जुटाने के लिए भी कई जुगात की है, जिसका प्रभाव आने वाले समय में दिखेगा ही.
योगी सरकार के दूसरे बजट में भी बुनियादी ढांचा, कृषि और युवाओं के मुद्दों को घ्यान में रखा गया है. राज्य बजट 2018-19 में इस बार बुनियादी ढ़ाचे के लिए काफी निवेश का प्रस्ताव है. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सभी के निर्माण के लिए बजट की प्रस्तावना की गयी है.

इस बार युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार ने दिल खोल के पैसा खर्च करने का मन बनाया है. युवाओं को कौशल विकास और स्टार्टअप जैसी रोजगार परक योजनाओं से जोड़ने के लिए सरकार ने कमर कसी है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को धरातल पर उतारने का रास्ता उत्तर प्रदेश की लम्बी-चौड़ी सीमा से होकर ही गुजरता है. ऐसे में योगी सरकार ने उन विचारों को साकार करने लिए अपनी झोली खोल दी है. वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगार परक सिलेबस, प्रार्थमिक शिक्षा में भारी-भरकम राज्य बजट 2018-19 आवंटन, कौशल विकास, स्टार्टअप, ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा आदि योजनायें इस बात बात का संकेत हैं कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार न केवल लोगों को सपने दिखाती हैं, बल्कि उसे साकार करने के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारती है.

लोगों ने इस राज्य बजट 2018-19 से ऐसी उम्मीद भी लगाईं थी कि इस बार कई ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं होंगी, जो आने वाले आम चुनाव में अपना छाप छोड़ेंगी. लेकिन इस दबाव के कारण भी योगी सरकार ने कोई बहुत बड़ी लोकलुभावन घोषणा नहीं की. बल्कि इस बार भी ध्यान में किसान और युवाओं पर केन्द्रित रहा.

योगी सरकार प्रदेश में पहली बार निवेशकों को बुलाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश इंवेस्टर्स समिट’ का भव्य आयोजन कर रही है. इस आयोजन के जरिये उसका प्रयास है कि लाखों-करोड़ों का इन्वेस्टमेंट प्रदेश में आये और प्रदेश की जनता को रोजगार मिले, साथ-साथ वित्तीय स्थिति भी मजबूत हो. इसलिए इस बजट में इंवेस्टर्स समिट का बेहद ख़याल रखा गया है. इंवेस्टर्स को लुभाने के लिए प्रदेश ने अपनी नई नीति का अनावरण तो किया ही है, साथ में राज्य बजट 2018-19 में कई ऐसी घोषणाएं भी हैं. जो निवेशकों का राह और आसान करेंगी. योगी सरकार इस सम्मलेन के जनता के बीच यह सन्देश देना चाहती है कि अगर आप में सोच हो तो कुछ भी कठिन नहीं है.

इस वजह से पिछले साल जो बजट 3.84 लाख करोड़ का था, वह इस साल 4.28 लाख करोड़ का किया गया है. इंवेस्टर्स समिट 21 और 22 फरवरी को होना है.

योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बुनियादी ढांचे का विकास और कुछ जनता के लिए योजनओं को लागू कर पहचान बनाने का होगा. इस मामले में राज्य की पिछली सरकारें पहले से ही अपने आप को स्थापित कर चुकी हैं.

कुल मिलाकर इस बजट में योगी सरकार ने सभी को आकर्षित करने और आम चुनाव में अपनी पार्टी के विजय रथ को आगे बढ़ाने के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश की है. इसके साथ में ही इस बजट में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, स्मार्ट सिटी और अन्य योजनाओं पर ज्यादा खर्च करने का प्रावधान किया गया है. इन प्रावधानों से न केवल आम आदमी के जीवन को बल मिलेगा बल्कि अगर योगी सरकार इन्हें समय से जमीन पर उतारने में कामयाब रही तो आगे का रास्ता भी सुगम होगा.