Wednesday , 22 May 2024

तथ्यपरक संवाद से जनसमस्याओं का समाधान हो सकता है : हृदय नारायण दीक्षित 

  • विधान सभा अध्यक्ष ने विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया
  • सदस्यों के प्रभावी एवं महत्वपूर्ण सुझाव प्रदेश और देश के लिए कल्याणकारी सिद्ध होते हैं: मुख्यमंत्री
  • पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सकता: संसदीय कार्य मंत्री

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। आज यहां विधान भवन में आहूत एक सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा कि तार्किक, तथ्यपरक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है। सदन की कार्यवाही की गुणवत्ता सभी सदस्यों के साझे प्रयास से निर्मित होती है। उन्होंने सभी सदस्यों से सदन में सहयोग एवं सकारात्मक वातावरण की अपेक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ जी ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है। सदन के माननीय सदस्य जनता की प्रतिमूर्ति होते हैं। उनका आचरण समाज को प्रभावित करता है। उन्होंने इस अंतिम सत्र में सभी दलीय नेताओं से अपना सुचारु सहयोग प्रदान करने की आशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदन की कार्यवाही में प्रभावी और तर्कसंगत चर्चा से समाधान निकलता है। सदस्यों के प्रभावी एवं महत्वपूर्ण सुझाव प्रदेश और देश के लिए कल्याणकारी सिद्ध होते हैं। राज्य सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी।
संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है। सदन का यह सत्र लघु सत्र है। सदन के सभी सदस्य रचनात्मक हैं। प्रदेश सरकार के द्वारा स्थापित सुशासन, कानून का राज एवं अन्य विकास कार्याें को जनता की सराहना मिल रही है।
इस बैठक में विधान सभा उपाध्यक्ष श्री नितिन अग्रवाल, अपना दल (सोनेलाल) के श्री हरीराम, बहुजन समाज पार्टी के श्री उमा शंकर सिंह तथा काँग्रेस पार्टी की श्रीमती आराधना मिश्रा ‘मोना‘ ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।