Wednesday , 22 May 2024

सहकारिता से साकार हो सकता है देश की समृद्धि का ध्येय

  • केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री योगी ने किया सहकार भारती के 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन
  • सहकारिता की भावना जगाए रखना सहकार भारती का उद्देश्य

लखनऊ।

सहकार भारती के तीन दिवसीय 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन प्रथम केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहे। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह और मंचासीन अतिथियों ने सहकार सुगंध का विमोचन भी किया। मंत्री अमित शाह ने कहा सहकार भारती को बहुत-2 धन्यवाद देता हूं, जो आप सबसे मिलने का मौका मिला। लंबे समय से जुड़ा हुआ हूं, सभी प्रकार के चुनाव लड़ा भी हूं, जीता भी हूं, हारा भी हूं। सहकार भारती के मंच पर हूं तो लक्ष्मणराव इमानदार का अटूट नाता रहा, मैं इसी मंच से कार्यान्जलि देता हूं। सहकारिता के अंदर सहकारिता की भावना जगाए रखना अकेले सहकार भारती का उद्देश्य है। सहकार भारती एक निर्मल संस्था है। आप आत्मनिर्भर भारत के पूर्ति के एक साधन बनकर काम करो।

उन्होंने कहा कि देश के 27 प्रदेश के 600 से ज्यादा जिलों में सहकार भारती में कार्यकर्ता कार्यरत हैं। आज 3,000 से भी ज्यादा प्रतिनिधि इस अधिवेशन में आए हुए हैं, यह अपने आप में मजबूती दर्शाता है। सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने की मांग लंबे समय से थी। जब दूसरी बार मोदी सरकार बनी तो उन्होंने मंत्रालय के गठन का विचार रखा था। मुझे देश का पहला सहकारिता मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। साथ ही उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री कोई पद नहीं एक यात्रा है और इस यात्रा को गति देकर गंतव्य तक पहुंचाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि लिज्जत पापड़, अमूल दूध, इफको खाद सहकारिता का एक सफल उदाहरण है, जिसे लगभग पूरा देश इस्तेमाल करता है। खाद के वितरण में 35% शेयर, खाद के उत्पादन में 25, चीनी के उत्पादन में 31, दूध में 20, गेहूं में 13, धान में 20 प्रतिशत शेयर कोऑपरेटिव का है। सहकारिता ही एक ऐसा जरिया है जिससे छोटे से छोटे व्यक्ति की आय को बढाने का काम हो सकता है। आर्थिक विकास का फायदा हर एक व्यक्ति तक पहुंचे यह सिर्फ सहकारिता में ही सम्भव है। इसके साथ ही सहकारिता मंत्री ने प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में भी अब सहकारिता में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने सहकारिता को और भी बेहतर बनाने के लिए बताया कि पारदर्शी चुनाव के लिए, पारदर्शी रिक्रूटमेंट के लिए खुला चुनाव हो, और ख़ासतौर से ऑडिट पर विशेष सुधार रखना चाहिए, तभी कुछ विकास संभव है। मोदी सरकार नई नीतियों को लाने के लिए संकल्पबद्ध है। हर बैंक को डिस्ट्रिक्ट उसके बाद स्टेट और उसके बाद नाबार्ड से जोड़ा जाएगा। जनता के सुझावों को भी लिया जाएगा। सहकारिता के क्षेत्र में प्रशिक्षण की दृष्टि से आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। सहकारिता के क्षेत्र में जो गति विधि चल रही है। ऑर्गेनिक खेती से किसान को फायदा मिले इसके लिए कोऑपरेटिव को आगे आना होगा। पहले देश के 2 राज्यों में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सीधा खाते में फायदा दिया जाएगा। बहुत कम समय मे बहुत कुछ दिखना शुरू हुआ। सहकारिता एक मात्र मध्यमवर्गीय रास्ता है जिससे आम लोवों को रोजगार सृजन भी होगा। उदाहरण के लिए हम अमूल प्लांट की बात कर लें तो बेहतर होगा, सहकारिता का ही एक अंग है।

उन्होंने संगठन को बढ़ावा देने के लिए यह भी कहा कि संगठन की सुगंध बढाने में भी हमें ध्यान देना चाहिए। प्रॉब्लम के साथ सॉल्यूशन भी लेकर आना चाहिए। अलग-अलग क्षेत्र के अलग-अलग लोगों के साथ बात करना चाहिए, सभी राज्य सरकारों को साथ मे रखकर हम अच्छे सुझावों को लागू करने का काम कर सकते हैं। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनारस में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन की बात करते हुए कहा कि अभी 2-3 दिन पहले ही मोदी जी ने बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया है। आप सबसे मेरा निवेदन है कि आप लोग काशी धाम सपरिवार जाना, मन को शांति मिलेगी। दूसरी बार सरकार बनने के बाद ही मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि का पूजन किया और जिसके बाद कार्य शुरू हो सका। 2017 में 300 सीटों के साथ उत्तरप्रदेश में सरकार बनी, यूपी देश के विकास का ग्रोथ है। सारे भ्रष्टाचार को, सारे माफियाओं को 5 साल के अंदर ही योगी सरकार ने खत्म करने का काम किया है।

सहकार भारती के 7वें अधिवेशन के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता भारत में जीन्स का पार्ट है, आत्मा है। इसका गांव-गांव में होने वाले यज्ञ के आयोजन आदर्श उदाहरण के रूप में सबके सामने है। जहां पर यज्ञ का आयोजन समिति तैयार करती है और उस गांव का एक-एक व्यक्ति किसी न किसी तरह योगदान देता है। किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है, जहां पर एक अच्छा समाज देखने को मिलता है। जहां पर संस्कार है वहीं एकता और अखंडता होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, उन्होंने देश के प्रत्येक क्षेत्र में एक नया योगदान दिया है। उन्होंने न सिर्फ सहकारिता विभाग का गठन किया बल्कि विभाग को एक ओजस्वी मंत्री के रूप में पूरे देश को देने का कार्य किया है। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहा कि दुनिया की बड़ी ताकतें कोरोना महमारी में त्रस्त हुईं लेकिन भारत उस समय भी आत्मनिर्भर बनने का काम किया है, यह देन है प्रधानमंत्री की। मैं आजके इस अवसर पर उत्तरप्रदेश की तरफ से इस पूरे आयोजन के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि उत्तरप्रदेश में हो रहा यह अधिवेशन सहकार भारती के लोगों में एक नई ऊर्जा भरेगा।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने कहा कि सहकार भारती का यह प्रयास है कि आने वाले समय में हमारा ध्यान हेल्थ कोऑपरेटिव की तरफ़ होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सहकार भारती की तरफ से किए जाने वाले कार्यों को विस्तार से बताया। उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा, सहकारिता मंत्री उत्तर प्रदेश मुकुट बिहारी वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष संतोष गंगवार, प्रदेश अध्यक्ष रमाशंकर जायसवाल, प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने भी संबोधित किया।