Tuesday , 30 April 2024

Exclusive: पूर्व डीजीपी ने मुलायम सिंह और राहुल गांधी पर किया बड़ा खुलासा

एनटी न्यूज / लखनऊ / योगेश मिश्र

राहुल गांधी के आतंकी सरगना मसूद अजहर को जी लगाकर दिये गये बयान को लेकर पूर्व डीजीपी बृजलाल ने पूरी कांग्रेस पार्टी को खरी-खरी सुनाई है साथ ही उन्होंने अपने एसएसपी रहते हुए सपा सरकार में यूपी के आतंकी हमलों के बाद आतंकवादियों पर सरकार को मेहरबान होने का इल्जाम, सबूत समेत लगाया.

पूर्व डीजीपी बृजलाल

बतौर पूर्व डीजीपी, राहुल गांधी जी ने हमारे जवानों का ख़ून बहाने वाले दुर्दान्त आतंकवादी को अजहर मसूद को मसूद जी कहकर सम्मान दिया है. अजहर पठानकोट, पुलवामा, संसद व राम जन्म भूमि अयोध्या पर हुए जैश के हमलों का सरगना है.

इससे पहले भी कांग्रेस ने आतंकियों को सम्मान दिया…

कांग्रेस के ही नेता दिग्विजय लादेन को ओसामा जी तथा मुम्बई में 26/11 को हुए हमले के सरगना हाफ़िज़ सईद को सईद साहब कहकर सम्मान दे चुके हैं. यही दिग्विजय मुम्बई हमले में शहीद आईजी हेमन्त करकरे के लिए कहा था कि आतंकवादियों से मुक़ाबला को जाते समय उनसे बात किये थे. दिग्गी राजा को मालूम होना चाहिये की जहां पाकिस्तानी आतंकियों की AK 47 चल रही थी वहां के एटीएस के मुखिया को इतनी फ़ुरसत थी कि वे इनसे बात करते. आख़िर ये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री या गृह मंत्री थे, जिससे विषम हालात में करकरे बात करते. इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री महाराष्ट्र ए आर अंतुले इस घटना को हिंदुओं के तरफ़ मोड़ रहे थे.

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दिग्विजय ने बाटला हाउस पुलिस एनकाउंटर को झूठा साबित करने के लिए अभियान छेड़ दिया था, जिसमें आज़मगढ़ निवासी इंडियन मुजाहिद्दीन का नॉर्थ इंडिया कमांडर व गौरी ब्रिगेड का सरगना आतिफ़ अमीन अपने एक गुर्गे के साथ मारा गया था और दिल्ली पुलिस के बहादुर इंस्पेक्टर एम॰सी॰ शर्मा शहीद हुए थे. आतंकवादियों का यह आज़मगढ़ मॉड्यूल जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली बम बिस्फोटों का ज़िम्मेदार था. सलमान ख़ुर्शीद भी कहे थे कि बाटला की घटना पर सोनिया जी रोयी थीं.

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आतंकवादियों के केंद्र संजरपुर आज़मगढ़ में दिग्विजय कई बार जाकर सहानुभूति व्यक्त कर चुके थे. एक आतंकी शहज़ा, जिसकी गिरफ़्तारी मेरी एटीएस ने आज़मगढ़ से किया था, बाटला की घटना में आजीवन कारावास की सज़ा होने के बाद भी दिग्विजय बेशर्मी की हद पार करते हुए, न्यायिक जांच की मांग करते रहे. कांग्रेस की अपनी पुरानी परम्परा को राहुल जी आगे बढ़ा रहे हैं. आतंकवादियों का महिमामंडन एवं पोषण सत्ता में आने पर क्या करेंगे, इसका फ़ैसला आप सब पर छोड़ता हूं.

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समाजवादी पार्टी का आतंकवादियों व अपराधियों से विशेष लगाव.

1- 26 जनवरी 1993 को मेरठ में आतंकवादियों ने पीएसी पर चीनी ग्रेनेड से हमला किया, जिसमें एक सिपाही शहीद हुआ और कई घायल हुए. मैं एसएसपी था. आतंकवादी पकड़े गये, मुलायम सरकार ने 1994 में चार्जशीट वापस ले लिया, परन्तु कोर्ट ने सहमति नहीं दी और आतंकवादियों को आजन्म कारावास की सज़ा दी.
2- 6 जुलाई 2011 को मुरादाबाद में पुलिस मैनाथेर थाना क्षेत्र में अपराधी पकड़ने गयी धार्मिक पुस्तक फेंकने का फ़र्ज़ी सगूफा फैला कर पुलिस पर हमला, आगज़नी की गयी और DIG अशोक कुमार सिंह व एक दरोग़ा पर हमला किया और मरा समझ कर छोड़ा. अशोक कई ऑपरेशन के बाद आज भी उन घावों से उबरे नहीं हैं. 2012 में समाजवादी सरकार ने अपनी तुष्टिकरण के तहत मुक़दमा वापस लिया परंतु अदालत फिर अड़ गयी और अब मुक़दमा चल रहा है.

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3- 2007 में तीन लखनऊ, फ़ैज़ाबाद, वाराणसी के न्यायालयों में बम ब्लास्ट हुए जिसमें दर्जनभर से अधिक मौतें हुईं. आतंकवादी तारिक क़ासमी व ख़ालिद मुजाहिद गिरफ़्तार हुए लेकिन अखिलेश सरकार ने बाराबंकी में गिरफ़्तारी का मुक़दमा वापस ले लिया. अदालत ने फिर वही किया जो उसका कर्तव्य था, अदालत ने सहमति नहीं दी और आजन्म कारावास की सज़ा दे दी.

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बताते चलें कि बृजलाल की गिनती सूबे के तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में रही है. बृजलाल ने कई दुर्दान्त अपराधियों और डाकुओं का सफाया कर भयमुक्त माहौल प्रदान किया.