Monday , 29 April 2024

नो वन इज रिस्पॉन्सिबल फॉर माई डेथ

एनटी डेस्क न्यूज/ श्रवण शर्मा /लखनऊ

32 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने खुद को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। मौके पर पुलिस पहुंची ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

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नो वन इज रिस्पॉन्सिबल फॉर माई डेथ

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिखा के कमरे में दो लाइन का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने अंग्रेजी में लिखा है कि नो वन इज रिस्पॉन्सिबल फॉर माई डेथ। नीचे शिखा ने दस्तखत किए है। डिप्रेशन में आकर छात्रा ने खौफनाक कदम उठा लिया। अब तक की पड़ताल में सामने आया कि वह दोपहर को फरीदीनगर स्थित सीमैप में इंटरव्यू देने गई थी। इसमें उसे असफलता हाथ लगी।

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कल रात से नहीं उठा रही थी फ़ोन

वहीँ मृतका के पिता किशन गुप्ता का कहना है कि कल रात से जब शिखा का फोन नहीं उठ रहा था तो उनको चिंता होने लगी। जिसके बाद उन्होंने सुबह होते ही लखनऊ आना सही समझा। जब वह लखनऊ आये तो शिखा के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ दिया। दरवाजा तोड़ कर उन्होंने देखा कि उनकी बेटी फांसी के फंदे पर झूल चुकी थी।

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मामला

मामला गोमती नगर थाना क्षेत्र के विवेक खंड का है। एनबीआरआई से केमिकल साइंस में पीएचडी और पोस्ट डाक्ट्रेट पास आउट छात्रा शिखा गुप्ता (32) मूलरूप से कानुपर गोविंद नगर निरंकारी चौराहे के पास की रहने वाली है। साइंटिस्ट बनने का सपना लिए रिसर्च स्कॉलर शिखा लखनऊ आई और गोमतीनगर विवेक खंड 3 में किराए पर रह रही थी। मृतका के पिता श्रीकृष्ण गुप्ता निजी कम्पनी में कर्मचारी हैं। घटना की सूचना मिलते ही मृतका के घर में कोहराम मच गया।

 

 

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