Saturday , 27 April 2024

गैंगमैन से आईपीएस तक का सफर: प​ढ़िए, प्रहलाद सहाय मीणा की कहानी

रिपोर्ट: बबिता रमवापुरी

राजस्थान। कहते हैं कठिन परिश्रम और मजबूत इच्छशक्ति से बड़ी से बड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और हमें मंजिल भी मिल जाती है। हम आज आपको एक ऐसे ही होनहार और प्रतिभावान अधिकारी से मिलवाएंगे जिसने कभी हार नही मानी और रेलवे में गैंगमैन की नौकरी करते हुऐ अपनी मेहनत के बल पर देश की सबसे बड़ी और कठिन सिविल सेवा की परीक्षा को पास कर आईपीएस अफसर बन गया। जी हां हम बात कर रहे हैं।राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव आभानेरी (रामगढ़ पचवारा) के प्रहलाद सहाय मीणा की। जिन्होंने समस्याओं से कह दिया तुम हमारे हौसले के सामने नही टिक सकते।

सरकारी विद्यालय में हुई पढ़ाई

प्रहलाद की पढाई सरकारी विद्यालय में हुई. प्रहलाद बताते हैं, दसवीं कक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान मिलने के बाद कुछ दोस्तों ने विज्ञान वर्ग से पढ़ने की सलाह दी। प्रहलाद इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इंजीनियरिंग की पढाई करने के लिए बाहर नहीं जा सकते थे.मन मसोस कर कला संकाय से पढाई शुरू की और 12वीं कक्षा में भी पहला स्थान मिला।

संपत्ति के नाम पर सिर्फ दो बीघा जमीन

अब प्रहलाद मीणा सरकारी नौकरी में जाना चाहते थे। प्रहलाद मीणा ने न्यूज़ टैंक्स से बात करते हुए बताया कि, एक बेहद साधारण परिवार में मेरा जन्म हुआ,संपत्ति के के नाम पर सिर्फ दो बीघा जमीन थी, जिससे किसी तरह जीवन यापन हो रहा था। घर चलाने के लिए पैसे की आवश्यकता थी, पिता की भी उम्र हो चुकी थी, उनका भी सहयोग करना था। प्रह्लाद मीणा ने बताया

2008 में बने गैंगमैन

1. वर्ष 2008 में भारतीय रेलवे में भुवनेश्वर बोर्ड से गैंगमैन की नौकरी
2. वर्ष 2008 भारतीय स्टेट बैंक सहायक (एलडीसी)
3. वर्ष 2010 भारतीय स्टेट बैंक SBI में प्रोबेशनरी अधिकारी
4. रक्षा मंत्रालय के अधीन सहायक लेखा अधिकारी- AAO
5. रेल मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी- ASO

6. भारतीय पुलिस सेवा में

तीन बार सिविल सेवा में हुए असफल

ओडिशा कैडर के 2017 के IPS अधिकारी बना। इन नौकरियों को छोड़ने के पीछे सिर्फ यही कारन था की उन्होंने यह ठान रखा था की आईपीएस ही बनना है. लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था सफर आसान नहीं था , खासकर जब घर चलाने की भी चिंता हो. सिविल सेवा परीक्षा में तीन बार फेल भी हुए, मगर हौसला डिगने नहीं दिया, अर्जुन की भांति निशाना लक्ष्य पर ही था , इस परीक्षा को भेदने के लिए प्रहलाद जी जान से जुटे रहे । ​मेहनत करनी नहीं छोड़ी। वर्ष 2013 में दिल्ली आकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। वर्ष 2013 तथा 2014 में मुख्य परीक्षा तक ही पहुंच पाए। 2015 में प्रिलिमनरी परीक्षा में असफल रहे। वर्ष 2016 प्रहलाद के लिए बड़ी उपलब्धि लेकर आया, 29 वर्ष की उम्र में 951 वीं रैंक प्राप्त कर वर्ष 2017 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए। जहाँ से गैंगमैन की नौकरी मिली थी उसी राज्य ओड़िशा कैडर के आईपीएस अधिकारी बने।

जहां पहले पटरी दुरुस्त करते थे अब वही है कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी

जहां पहले वह पटरियों को दुरुस्त करते थे वहीँ अब कानून-व्यवस्था को सम्हालने की बड़ी जिम्मेदारी है. प्रहलाद आज उन युवाओं के रोल मॉडल बन चुके हैं जिनके अंदर कुछ करने का जज्बा है। प्रहलाद ने न्यूज़ टैंक्स को बताया कि वह आज भी समय मिलने पर उस जगह जाते हैं जहां कभी गैंगमैन हुआ करते थे। अपने दोस्तो से मिलते हैं दोस्त भी अपने साथी को पुलिस विभाग की महत्वपूर्ण कुर्सी पर देखकर बहुत खुश होते हैं।

खेतों में बटाते हैं काम

छुट्टी में प्रहलाद जब कभी गांव आते हैं तो अपने खेत मे काम बटाने जरूर जाते हैं।इसके अलावा प्रह्लाद जो भी बच्चा उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहता है उसकी हर सम्भव मदद भी करते हैं. न्यूज़ टैंक्स का यह प्रयास है की ऐसे होनहार और संघर्षशील अधिकारीयों से आपको रुबरुं करवाएं जिनसे आपको प्रेरणा मिले। अपने अगली कड़ी में हम फिर किसी ऐसे गुदड़ी के लाल से आपका परिचय कराएँगे।