Wednesday , 1 May 2024

ग्वालियर में अटल बिहारी बाजपेयी का मंदिर 1995 से रोज होती है पूजा अर्चना

एनटी न्यूज डेस्क/श्रवण शर्मा/ग्वालियर

1977 में अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर एक नया इतिहास बनाया था. यह पहला मौका था जब संयुक्त राष्ट्र में भारत के किसी नेता ने हिंदी में भाषण दिया था और बाकी सदस्य देशों के लिए हिंदी से अन्य भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था की गई थी.

स्मृति शेषः मथुरा से शुरू हुई थी ‘अटल’ राजनीति की पारी

नहीं रहे अटल जी, भारतीय राजनीति के एक युग का अंत

‘वसुधैव कुटुंबकम’

तब अटल बिहारी वाजपेयी जनता पार्टी सरकार में विदेश मंत्री थे. ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश देते अपने इस भाषण में उन्होंने बुनियादी मानवाधिकारों और रंगभेद जैसे तमाम गंभीर मुद्दों को उठाया था. बाद में एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने इसे अपने जीवन में सर्वाधिक प्रसन्नता का क्षण बताया.

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए: अटल की कालजयी रचनाएँ व भाषण

देश की पहली रैपिड रेल यूपी के नाम, जानिए इस रेल की खूबियां

 

मंदिर का निर्माण

विजय सिंह चौहान ने सत्यनारायण की टेकरी पर हिंदी माता मंदिर बनाया है। इसके पास ही 1995 में अटल बिहारी वाजपेयी के मंदिर का निर्माण भी कराया गया था। चौहान का कहना है आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में पढ़े-लिखे और उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया। मंदिर संचालक अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से पुरस्कार भी देते हैं। अभी तक करीब 700 लोगों को अटल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

हेमराज की पत्नी की याचिका मंजूर, तलवार दंपत्ति पर फिर से शरू होगी जांच:आरुषि हत्याकांड

देवरिया बालिका गृह कांड की सख्ती से हो CBI जांच: योगी आदित्यनाथ

अष्टधातु की प्रतिमा

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया, जिसे पूरी दुनिया ने सुना था। हिंदी साहित्य में उनका योगदान याद रखने के लिए मंदिर बनाया गया है। अटल बिहारी की अष्ट धातु की प्रतिमा बनवाई गई थी, लेकिन पास ही बने मंदिर में हिंदी माता की मूर्ति चोरी हो गई थी। कहीं अष्टधातु की प्रतिमा भी चोरी न हो जाए इसलिए इसे मंदिर में स्थापित न कर अटलजी को भेंट कर दी गई थी।

खबरें यह भी:

स्मृति शेषः मथुरा से शुरू हुई थी ‘अटल’ राजनीति की पारी

नहीं रहे अटल जी, भारतीय राजनीति के एक युग का अंत

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए: अटल की कालजयी रचनाएँ व भाषण

संघर्ष विराम का उल्लंघन: भारतीय सेना ने मार गिराए पाक के दो जवान

आज़ादी के मायने बताती है PASSWORD

फिल्म रिव्यूः ‘हिल व्यू विला’- मनोरंजन के साथ क्राइम की एक अनोखी दास्तान