एनटी न्यूज़ डेस्क/श्रवण शर्मा/नई दिल्ली
दुनिया के ताकतवार नेताओं की फेहरिस्त में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी अलग पहचान कायम की है। मौजूदा समय में पीएम मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते हैं।
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गुजरात के गांधीनगर से दिल्ली तक का नरेन्द्र मोदी का सफर आसान नहीं रहा है। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की साथ ही तकनीक का भी सही इस्तेमाल किया। हालांकि ‘दंगों के दाग’ ने लोकसभा चुनाव में भी उनका पीछा नहीं छोड़ा, लेकिन मोदी ने न तो दंगों की चर्चा की न ही जाति और सांप्रदायिकता की। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास का जन्मदिन है। वह 68 साल के हो गए हैं। आज newstanks उनके जीवन के कुछ पहलुओं को छूने की कोशिश कर रहा है।
परिवार व बचपन
नरेंद्र मोदी जी का बचपन बडी ही गरीबी में गुजरा उनके पिता जी की चाय की दुकान थी। उनकी माँ दुसरो के घरो में बर्तन साफ किया करती थीं! दो वक्त का खाना भी बहुत मुश्किल से मिलता था। मोदी जी बहुत छोटे एवं कच्चे घर में उनका बचपन बीता! उनका जीवन बहुत संघर्ष वाला था।
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उन्होंने अपने बचपन में ही बहुत उतार चड़ाव देखे । पीएम मोदी अपने माता-पिता की 6 संतानों में से तीसरे नंबर की संतान हैं। नरेंद्र मोदी बचपन में अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। पीएम मोदी कई बार खुद इस बारे में सार्वजनिक मंच से बता चुके हैं।
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शिक्षा
नरेंद्र मोदी ने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा 1967 में वडनगर से ही प्राप्त की। पीएम मोदी वाद-विवाद और अन्य प्रतियोगिताओं में काफी रूचि रखते थे। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वह बीजेपी की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया।
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विवाह
मोदी ने सांसारिक भोग विलास को छोड़कर गृह त्याग कर रखा है। जब जशोदाबेन 15 साल की थीं और मोदी 17 साल के थे, तब गुजरात के उंझा के नज़दीक ब्रह्मवाड़ा गांव में उनका विवाह हुआ था। परिवार वाले कहते हैं मोदी की बारात दो दिनों तक गाव में रुकी थी और शादी रीति रिवाज़ों के मुताबिक हुई थी।
पर शादी के तीन साल के बाद दोनों अलग हो गए। इन दिनों जशोदाबेन एक रिटायर्ड स्कूल टीचर की ज़िन्दगी बसर कर रही हैं और उंझा में अपने छोटे भाई अशोक के साथ रहती हैं।
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आध्यात्मिक यात्रा
बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी ने 1967 में 17 वर्ष की आयु में ही अपना घर छोड़ दिया था। अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी थी. हिमालय, बंगाल, ऋषिकेश आदि स्थानों पर भ्रमण के बाद वह दो साल बाद घर लौटे थे।
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इस दौरान उनके मन में देश की सेवा का भाव जागा और एक बार फिर वह अपने घर से निकल पड़े। घर से निकलने के बाद नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे। 1971 में उन्होंने आरएसएस जॉइन की और यहां से उनका देश सेवा का सफर शुरू हो गया। देश में इमरजेंसी के दौरान वह कांग्रेस सरकार की मुखालफत में पीछे नहीं रहे।
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कहा जाता है कि इस दौरान पुलिस से बचने के लिए नरेंद्र मोदी भेष बदलकर अलग-अलग राज्यों में घूम रहे थे। संघ में रहते हुए अपने काम की बदौलत वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
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स्वामी विवेकानंद के विचारों को आदर्श माना
वह बचपन से ही स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपना आदर्श मानते थे| और उन्हें बचपन से ही पढ़ने का बहुत शोक था| कुछ पारिवारिक समस्याओ के कारण 1967 में 17 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया। वह घर छोड़ने के बाद कई आश्रम और मठो में अपना जीवन व्यतीत करने लगे| इन्ही दिनों में इन्होने बहुत दुनिया देख ली थी बहुत सोच विचार के बाद ये दो वर्ष बाद वापस घर आ गये।
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गुजरात के मुख्यमंत्री तक का सफर
1995 में नरेंद्र मोदी को बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. 1998 के चुनाव में बीजेपी को आगे बढ़ाने में पीएम मोदी का अहम रोल बताया जाता है। साल 2001 में गुजरात के तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य बिगड़ा और बीजेपी चुनावी गणित में पिछड़ने लगी। बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय के. जन कृष्णामूर्ति ने नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया और उन्हें गुजरात के सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया।
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हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी नरेंद्र मोदी के पास सरकार चलाने का अनुभव न होने की वजह से चिंतित थे। 7 अक्टूबर, 2001 को पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। दिसंबर 2002 में विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी।
नरेंद्र मोदी के सीएम रहते गोधरा कांड हुआ, जिसको लेकर नरेंद्र मोदी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। अपनी राजनीतिक प्रतिभा का परिचय देते हुए नरेंद्र मोदी करीब 13 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे।
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गुजरात दंगा, एक राजनीतिक सूझबूझ वाला कदम
7 फरवरी 2002 को अयोध्या से गुजरात वापस लौट कर आ रहे कारसेवकों को गोधरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन को मुसलमानों की खतरनाक भीड़ ने आग लगा कर जला दिया था।जिसमे 59 कारसेवक मारे गए थे।
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जिसके कारण पूरे गुजरात में हिन्दू मुस्लिम में दंगे भड़क चुके थे| जिसमे मरने वालों की संख्या करीब 1180 थी और अल्पसंख्यक लोग ज्यादा थे। इस घट्ना पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी प्रशासन को दोषी ठहराया | कांग्रेस और विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और इस्तीफे की मांग की।
त्यागपत्र
मोदी ने गुजरात की दसवीं विधानसभा भंग होने पर अपना त्यागपत्र राज्यपाल को दे दिया। इसके बाद रास्ट्रपती शासन लागू हो गया| दुबारा चुनाव हुए जिसमे भारतीय जनता पार्टी ने मोदी जी के नेत्रत्व में विधान सभा की कुल 182 सीटों में से 127 सीटों पर जीत हांसिल हुई।
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निर्दोष साबित हुए
2002 अप्रैल में भारत के उच्चतम न्यायलय ने विशेष जाँच भेजी ताकि पता चल सके की इसके पीछे मोदी का हाथ तो नहीं था। ये जांच केवल दल दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की शिकायत पर किया थे| “विशेष जाँच दल” की रिपोर्ट पर ये पता चला की नरेंद्र मोदी ने कुछ भी नहीं किया।
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2014 लोकसभा चुनाव
जरात के विकास के बलबूते उनकी छवि गुजरात से बाहर निकली और दिन-ब-दिन उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई. इसी का फायदा उन्हें 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मिला।
गुजरात की राजनीति से मोदी ऐसा बाहर निकले कि बीजेपी ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव 2014 में पीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व जीत हासिल की थी। 26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
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ऐतिहासिक योजनाएँ व अभियान
प्रधानमंत्री जन धन योजना, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान विश्व योगा दिवस आदि अभियानों व योजनाओं की शुरूआत की।
मन की बात
नामक कार्यक्रम से लोगों तक अपनी बातों को पहुचाना और लोगों की बातों को जानना उन्हें अपने द्वारा चलाई गयी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करना साथ ही सबको एक साथ ले कर चलाने का प्रयाश करना।
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45% का कर देकर काला धन घोषित करना |
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काले धन को और अर्थव्यवस्था को सामान रुप से लाने के लिए 8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया।
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नरेंद्र मोदी दुनिया की 10 सबसे ताकतवर हस्तियों में
मशहूर पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे ताकतवर हस्तियों की सूची जारी की है। फोर्ब्स की इस सूची में कुल 75 लोगों की रैंकिंग की गई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के प्रभावशाली हस्तियों की लिस्ट के टॉप टेन में जगह मिली है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पहली बार इस सूची में पहले पायदान पर जगह बनाने में सफल रहे।
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दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में तीसरा नंबर
सर्वे एजेंसी गैलप ने दुनिया भर के 50 देशों में लोगों से पूछे गए विभिन्न सवालों के आधार पर अपने वार्षिक सर्वे 2017 में मोदी को दुनिया के नेताओं के सर्वेक्षण में तीसरे नंबर पर स्थान दिया है।
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सम्मान और पुरस्कार
2014 में फ़ोर्ब्स पत्रिका में विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों में 14वा स्थान |
2015 में विश्व के शक्तिशाली लोगों में 9वा स्थान फ़ोर्ब्स पत्रिका के सर्वे में |
2016 में विश्व प्रसिद्ध फ़ोर्ब्स पत्रिका में विश्व का 9वा स्थान |
अप्रैल 2016 में नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के उच्चतम नागरिक सम्मान “अब्दुलअजीज अल सउद के आदेश“ (The Order of Abdulaziz Al Saud)
जून 2016 में अफगानिस्तान के राष्ट्रियपति अशरफ गानी ने भारतीय प्रधानमंत्री के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अमीर अमानुल्ला खान अवार्ड से सम्मानित किया |
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मोदी का परिवार आज भी बसर कर रहा आम जिंदगी
मोदी ने कभी अपने पद का फायदा उठाकर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी को फायदा नहीं पहुंचाया। चाहे वह उनका परिवार हो या उनके कोई सगे संबंधी। मोदी के परिवार के सभी सदस्य आज भी एक आम इंसान की तरह जिंदगी जी रहे हैं। जिसे देखकर आपको जरूर आश्चर्या होगा।
वासंतीबेन
नरेंद्र मोदी की एक ही बहन है जिसका नाम है वासंतीबेन हसमुख लाल मोदी उनके पति का नाम है हसमुख भाई हसमुख भाई एलआईसी में थे वसंतीबेन भी हाउसमेकर हैं वसंतीबेन 5 भाईयों की एक बहन हैं।
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सोमभाई मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमनाथ मोदी गुजरात में बुजुर्गों की देखभाल के लिए संस्था चलाते हैं। सोमभाई मोदी के बारे में तब पता चला जब वो एक एनजीओ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उस कार्यक्रम में सोमभाई ने कहा था, मैं नरेंद्र मोदी का भाई हूं, प्रधानमंत्री का नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मैं देश के 125 करोड़ नागरिकों में से एक हूं।
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अमृतभाई मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे बड़े भाई अमृतभाई मोदी साल 2005 में एक प्राइवेट कंपनी से बतौर फिटर रिटायर हुए थे और उनकी तनख्वाह सिर्फ 10 हजार रुपए थी। अमृतभाई मोदी फिलहाल अहमदाबाद के गढ़लोढ़िया इलाके में अपने बेटे संजय (47), उसकी पत्नी और दो बच्चों के साथ चार कमरे के घर में दुनिया की चका-चौध से दूर जिंदगी बिता रहे हैं।
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प्रह्लाद मोदी
प्रह्लाद मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई हैं और गुजरात के फेयर प्राइस शॉप ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए पीडीएस सिस्टम में पारदर्शिता को लेकर एक मुहिम शुरू की थी, जिसका उनके छोटे भाई प्रह्लाद मोदी ने विरोध किया था।
पाकिस्तान पर कसता अमेरिकी नकेल
अशोकभाई वाडनगर
पीएम मोदी के चाचा नरसिंहदास के बेटे अशोकभाई वाडनगर में एक छोटी दुकान में पतंग, पटाखे और स्नैक्स बेचते हैं।
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भरतभाई वडनगर
अशोकभाई से बड़े भरतभाई वडनगर से दूर पालनपुर के पास लालवाड़ा गांव के एक पेट्रोल पंप पर काम कर अपना गुजर बसर करते हैं।
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