एनटी न्यूज डेस्क/श्रवण शर्मा/नई दिल्ली
प्रेस की दशा-दिशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर कहा गया है कि पत्रकारों को प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं के पीछे हिंदू राष्ट्रवादियों का हाथ है। इसमें हत्या भी हो सकती है, जैसा पत्रकार गौरी लंकेश के मामले में हुआ।
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आरएसएफ
वैश्विक संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के मुताबिक, भारत में सत्ताधारी पार्टी के रुख़ से इत्तेफाक नहीं रखने वाले पत्रकारों को परेशान किए जाने के मामले चिंताजनक स्तर तक पहुंच गए हैं।
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विपुल सक्सेना
अपने एक ट्वीट में विपुल सक्सेना कहते हैं, ‘अगर कुछ मीडिया मालिकों को लगता है कि #आईएबीएम पत्रकारों पर हमला कर रहा है तो हां, हम पत्रकारों पर हमला कर रहे हैं लेकिन लोग जानते हैं कि हम उन्हीं लोगों पर हमला कर रहे हैं जो झूड और डर फैला रहे हैं और उनका यह इलाज है।’
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If some media kingpin thinks #IABM is shooting the Messenger. Yes we are shooting the messenger but people know we are shooting the "One" who spread lies & fears so deserve this treatment only.
— Vipul Saxena,(प्रभु श्रीराम के भक्त) जय श्रीराम 🚩 (@saxenavipul64) August 20, 2018
आरएसएफ ने कहा है कि भारत में आम चुनाव नज़दीक आने के मद्देनज़र ज़रूरी है कि पत्रकार अपनी जान या नौकरी पर ख़तरे के ख़ौफ़ के बगैर ख़ुद को अभिव्यक्त करें। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के एशिया-प्रशांत डेस्क के प्रमुख डेनियल बास्टर्ड ने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं होता है तो भारतीय लोकतंत्र एक ‘मृगमरीचिका’ से ज़्यादा कुछ नहीं होगा।’
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